ये मोदी जी का एक और मास्टर स्ट्रोक है।
आमंत्रण भेज दिया है श्री राम को काल्पनिक बोलने वाले विपक्षी नेताओं को ,, नहीं गए ये लोग अयोध्या ,, तो जनता में प्रचारित किया जाएगा की हिंदू विरोधी हैं ये सब , राम विरोधी हैं ,, इसलिए नहीं गए ! जो हकीकत है।
अब गलती से चले गए ये अयोध्या के राम मंदिर , तो इनके पुराने बयान – श्री राम को काल्पनिक वाले बयान और श्री राम के चरणों में शीश नवाते तस्वीरों को दिखा कर जनता के सामने इनका दोगलापन दिखाया जाएगा।
दोनों ही परिस्थितियों में भाजपा को फायदा होगा।
सोनिया खरगे राहुल सब बीमार पड़ने वाले हैं।😜😜
खैर ये सब चले भी जाए अयोध्या 22 जनवरी को तो कोई जायदा फर्क नहीं पड़ेगा , मुस्लिम वोट बैंक और अंध मोदी विरोधी विपक्ष अल तकिया के फायदे समझता है।😂😂 उनको विपक्षी नेताओं के दोगलेपन से फर्क नहीं पड़ता है।
चाहे कांग्रेसी , TMC , आपीये, राजग ,सपा इत्यादि के नेता श्री राम मंदिर जाए या ना जाएं इनके वोट बैंक को सिर्फ भाजपा को सत्ता से बाहर रखना है। कोई फर्क नहीं पड़ेगा उनको।।
इनका वोट बैंक या तो हिंदू नहीं है या वो किसी धर्म में ही विश्वास नहीं रखता है! सिर्फ पैसे के धर्म में विश्वास रखता है।